Life Quotes Shayari - General Shayari
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बेवजह घर से निकलने की जरूरत क्या है
मौत से आँख मिलाने की जरूरत क्या है
सबको मालूम है बाहर की हवा है कातिल
फिर कातिल से उलझने की जरूरत क्या है
जिन्दगी हजार नियामत है, संभाल कर रखे
फिर कब्रगाहो को सजाने की जरूरत क्या है
दिल को बहलाने के लिये, घर में वजह काफी है
फिर गलियों में बेवजह भटकने की जरूरत क्या है
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Life Quotes Shayari
ठोकर नही खाओगे
तो जानोगे कैसे?
की तुम शीशे के बने हो
या पत्थर के
-Veer Balika
Life Quotes Shayari
फितरत तो कुछ
यूं भी है इन्सान की
बारिश खत्म हो जाए तो
छतरी भी बोझ लगती
Life Quotes Shayari
जिन के आँगन में
अमीरी का शजर लगता है,
उन का हर ऐब भी
ज़माने को हुनर लगता है ...
Life Quotes Shayari
अपने ही घर में मेहमान बन कर
आना जाना हुआ,
जब से शहर में शुरू
कमाना हुआ..!!
Sad-Shayari
मोहब्बत की सजा बेमिसाल दी उसने
उदास रहने की आदत सी डाल दी उसने
मैंने जब अपना बनाना चाहा उसको
बातों बातों में बात टाल दी उसने
Life Quotes-Shayari
कोई फूल धूप की पत्तियों में, हरे रिबन से बंधा हुआ
वह गजल का लहजा नया-नया, ना कहा हुआ ना सुना हुआ
जिसे ले गयी है हवा अभी ,वो वरक था दिल की किताब का
कही आंसुओ से लिखा हुआ ,कही आंसुओ से मिटा हुआ। ..
कई मील रेत को काट कर ,कोई मौज फूल खिला गयी
कोई पेड़ प्यास से मर रहा, हे नदी के पास खड़ा हुआ। ..
मुझे हादसों ने सज़ा सज़ा के बहुत हसीन बना दिया
मेरा दिल भी जैसे दुल्हन का हाथ मेहन्दियों से रचा हुआ...
वही शहर है वही रास्ते वही घर है और वही लोव्न भी
मगर इस दरीचे से पूछना, वो दरख़्त अनार का क्या हुआ। ..
मेरे साथ जुगनू है हमसफ़र है ,मगर इस शरर की बिसात क्या
ये चिराग कोई चिराग है ,न जला हुआ न बुजा हुआ। ..
-बशीर बद्र
Romantic-Shayari
अभी इस तरफ ना निग़ाह कर,
मैं गजल की पलके सवार लूं
मेरा लफ्ज़ लफ्ज़ हो आइना,
तुझे आईने में उतार लूँ..
मैं तमाम दिन का थका हुआ,
तू तमाम शब का जगा हुआ,
जरा ठहर जा इसी मोड़ पर,
तेरे साथ शाम गुजार लूँ।
कभी यूं भी आ मेरी आंख में,
के नजर को मेरी खबर ना हो,
मुझे एक रात नवाज दे,
मगर उसके बाद सहर ना हो..
वो बड़ा रहीमो-क़रीम है,
मुझे ये शिफ़्त भी अता करे,
तुझे भूलने की दुआ करू,
तो दुआ में मेरी असर ना हो.
-बशीर बद्र
Attitude Shayari
अगर खिलाफ है होने दो जान थोड़ी है
ये सब धुआ है कोई आसमान थोड़ी है..
लगेगी आग तो आएगे घर कई ज़द मे
यहा पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है..
हमारे मुँह से जो निकले वही सदाक़त है
हमारे मुँह मे तुम्हारी ज़ुबान थोड़ी है..
मै जानता हू के दुश्मन भी कम नही लेकिन
हमारी तरह सबकी हथेली पे जान थोड़ी है..
जो आज साहिब-ए-मसनंद है कल नही होगे
किरायेदार है जाती मकान थोड़े है..
सभी का खून है शामिल यहा की मिट्टी मे
किसी के बाप का हिन्दुस्तान थोड़ी है..
-राहत इंदोरी
Love-Shayari
हमें सीने से लगाकर हमारी सारी कसक दूर कर दो,
हम सिर्फ तुम्हारे हो जाऐ हमें इतना मजबूर कर दो।
अपनी कलम से दिल से दिल तक की बात करते हो
सीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से #प्यार करते हो।
Attitude-Shayari
हवा को गुमान था
अपनी आजादी पर,
किसी ने उसे भी गुब्बारे में
भर के बेच दिया..